
डेंगू बुखार (Dengue Fever) मच्छर की वजह से होने वाला वायरल इंफेक्शन है। इसमें तेज बुखार के साथ सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द तथा त्वचा पर जगह-जगह लाल चकत्ते हो जाते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। भारत में मौसम मानसून के आखिरी दिनों में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है।
सामान्य तौर पर यह संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटने से फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है तो मच्छर भी संक्रमण हो जाता है और जब वह मच्छर अन्य लोगों को काटता है तो वो भी डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं। लेकिन डेंगू बुखार संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नही फैलता है।
डेंगू की गंभीर स्थिति में आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) के साथ अंगों की खराबी होने लगती है। इसमें ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है और प्लेटलेट्स गिर जाते हैं। कई बार इस वजह से डेंगू से संक्रमित मरीज की स्थिति जानलेवा बन जाती है।
डेंगू बुखार के लक्षण-Dengue Symptoms
डेंगू बुखार के लक्षण अन्य बीमारियां जैसे चिकनगुनिया, जीका वायरस, मलेरिया और टाइफाइड बुखार की तरह ही होता है। इसलिए इसके उपचार के लिए डॉक्टर खून (Blood) की जांच करने की सलाह देते हैं और उसके लक्षण के आधार पर इलाज करते हैं।
डेंगू से संक्रमित होने के बाद इसके हल्के लक्षण 4 से 7 दिन के अंदर नजर आने लगते हैं। इसमें तेज बुखार के अलावा निम्नलिखित लक्षण देखे जाते हैं :-
- तेज सिर दर्द
- उल्टी होना या जी मिचलाना
- आंखों में दर्द होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते जगह-जगह होना
- गलैंड्स में सूजन आ जाना
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द महसूस होना
- पेट दर्द होना
- मसूड़ों और नाक से ब्लड निकलना
- मल – मूत्र, उल्टी में ब्लड आना
- सांस लेने में कठिनाई महसूस होना
- थकान जैसे लगना
- चिड़चिड़ापन और बेचैनी होना।
डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार –
डेंगू बुखार का वैसे तो कोई इलाज नहीं है लेकिन इस बुखार से बचने का तरीका सिर्फ बचाव ही है। डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव ही बेहतर उपाय है। डेंगू का मच्छर ज्यादातर समय दिन के समय काटता है। ऐसे में निम्नलिखित उपाय करें –
- मानसून के मौसम में फुल आस्तीन वाले कपड़े पहने।
- आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।
- क्योंकि डेंगू का मच्छर आमतौर पर स्थिर पानी में पनपता है। इसलिए आसपास पानी एकत्रित न होने दें जिससे मच्छर न पनप पाये।
- सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, कूलर आदि से पानी निकाल कर उसकी साफ-सफाई कर ले
डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए ?
डॉक्टर डेंगू बुखार में मरीजों को जल्दी स्वस्थ होने के लिए निम्नलिखित चीजों को खाने की सलाह देते हैं :-
पपीते के पत्ते का जूस –
पपीते के पत्ते में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कि इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। यह डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति के प्लेटलेट्स को भी बढ़ाता है। ऐसे में डेंगू से संक्रमित मरीज अगर दिन में दो बार इसका सेवन करते है तो काफी आराम मिलता है।
ताजी सब्जियों का जूस –
ताजी सब्जियों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। साथ ही सब्जियों में विटामिन सी की प्रचुरता होती है। सब्जियों का जूस पीने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। डेंगू बुखार के मरीज अपनी पसंदीदा सब्जियों का जूस पी सकते हैं।
हल्दी दूध –
वायरल फीवर, सर्दी – खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं को दूर करने में हल्दी दूध पीना काफी फायदेमंद होता है। इसमें हल्दी पानी का भी सेवन किया जा सकता है।
आंवले का जूस –
आंवले में विटामिन ए और विटामिन सी पाई जाती है। यह प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं। डेंगू बुखार में आंवले के जूस का सेवन करना फायदेमंद होता है।
डेंगू बुखार कितने दिन रहता है?
डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाता है। लेकिन गंभीर लक्षणों की स्थिति में यदि समय पर इलाज नही मिलता तो कई बार यह जानलेवा हो जाता है। पेट में तेज दर्द, लगातार उल्टी, मल-मूत्र या उल्टी में खून आना यह सब डेंगू के गंभीर लक्षण है। इस स्थिति को नजरअंदाज न करो और संक्रमित व्यक्ति का सही से इलाज करवाए।
डेंगू मच्छर कब काटता है?
डेंगू का मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटता है। इसलिए मच्छरों से बचने की कोशिश करें।
डेंगू मच्छर का नाम क्या है?
डेंगू बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है।
डेंगू बुखार में प्लेट
डेंगू बुखार होने पर रोगी के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या लगातार कम होने लग जाती है। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा का कम होना बहुत ही ख़तरनाक होता है। मेडिकल साइंस इस स्थिति को थ्रोंबोसाइटोपीनिया कहती हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में बताए गए सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी बीमारी का इलाज नही है। किसी भी बीमारी का लक्षण नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह ले।
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