दाँतो की बीमारियाँ,काऱण और समस्याओं के निदान

दाँतो की बीमारियाँ आधुनिक युग में एक आम रोग हो गया है क्योंकि इसकी वजह हमारी ख़राब जीवन शैली और ख़राब खान पान को माना गया है। कुदरत ने हमारे दाँतो को वाकई बेहद मजबूत बनाया हैं। इनके ऊपर पाई जाने वाली इनेमल की परत में 96 % तक खनिज लवण होते है – शरीर की किसी भी कोशिका से ज्यादा। यही वजह है की ये अन्य हड्डियों से अधिक मजबूत होते है। यहां तक की इस्पात से भी अधिक। सोचिये ,इतने मजबूत दांतो को भी हम बुरी आदतों और लापरवाहियों के चलते अपने जीवन काल में ही ख़राब कर डालते है।

दाँतो की बीमारियाँ

  • छाले – मुँह में अलग अलग जगह पर छाले (अल्सर ) विटामिन की कमी से हो सकते है। किन्तु लम्बे समय तक एक हे जगह पर है तो तुरंत डेंटिस्ट्स से संपर्क करे।
  • दातो में सड़न या केविटी – बहुत समय से अगर दातो खाना फंसता है, तो सड़न हो हो जाती है और केविटी जाती है।
  • मसूड़ों में खून आना या सूजन – दातो में जमी गन्दगी ( केलकुलसक या प्लॉक ) से संक्रमण पनपता है और दातो और मसूड़े कमजोर होने लगते है।
  • मुँह बदबू आना – दांत मसूड़ों में जमी गन्दगी /खराबी की वजह से बदबू आना आम समस्य है।
  • दातो का पीलापन – अधिक चाय, कॉफ़ी ,तंबाकू के सेवन और धूम्रपान से दांत पीले पड़ जाते है।

दाँतो की समस्याओं के काऱण

  • साफ़ सफाई की कमी -सफाई की कमी मुँह के स्वास्थ्य सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। रोज दो वक्त ब्रश करके और कुछ भी खाने पीने के बाद कुल्ला करके दांतो की समस्याओं से बचा जा सकता है।
  • खान पान की बुरी आदते – जंक फ़ूड,चॉकलेट ,शीतल पेय ,सोडा और चिपकने वाली चीजे दांतो को नुकसान पहुँचाती है।
  • आनुवंशिकी – यदि आपके परिवार में दांत मसूड़ों की समस्या है,तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • तम्बाकू और गुटखा – इनके सेवन से मुँह खुलने में दिक्क्त और कैंसर भी हो सकता है।
  • लार कम आना – मुँह मैं लार का आना दातो साफ़ रखने में मददगार होता है। लार कम आना मुँह और दातो ले लिए हानिकारक है।
  • एसिडिटी – एसिडटी से भी दातो की समस्या हो सकती है,क्योंकि अम्लीय गैसों से ऊपरी परत ख़राब होती है।

दाँतो को स्वस्थ रखने के उपाय

  • कम से कम दो मिनट ब्रश करे, और दातो की सतहों को अच्छी तरह साफ़ करे।
  • पेस्ट कोई भी ले सकते है , मटर के दाने के बराबर पेस्ट पर्याप्त है।
  • ब्रश को हर तीन चार महीने में बदल दे या हर पन्द्रह दिन में गर्म पानी में डालकर साफ़ करे।
  • मुँह से दुर्गन्ध आने पर माउथ वाश का उपयोग करे।
  • जीभ की निरन्तर सफाई करे।
  • रोज खाने में दूध,फल ,सब्जिया शामिल करे।
  • दातो की नियमित जांच कराये , परेशानी न हो तब भी हर छे महीने में चेकअप करवाए।
  • नियमित मसूड़ों की मसाज करे। (सुबह ,शाम पांच पांच मिनट)

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