राजेश पायलट का जीवन परिचय|Rajesh Pilot Biography Hindi

राजेश पायलट एक महान नेता-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक महान और दिग्गज किसान राजनेता जिसका नाम राजेश्वर प्रसाद बिधूरी उर्फ़ राजेश पायलट। इनका जन्म उत्तरप्रदेश के वैदपुर जिले में 10 फरवरी 1945 को एक गुर्जर परिवार में हुआ था। इन्होने बड़े होकर साल 1966 में एक अफसर के रूप में भारतीय वायुसेना जॉइन की और साल 1971 में हुये पाकिस्तान के सात युद्ध में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दुश्मन के छक्के छुड़ा दिये। साल 1974 में इन्होने दया पायलट से विवाह कर लिया जो यूथ कांग्रेस में सक्रिय थी और 7 सितम्बर 1977 को इनके घर सचिन पायलट का जन्म हुआ।

राजेश पायलट का राजनैतिक सफर

साल 1979 में इन्होने भारतीय वायुसेना से इस्तीफा दे दिया और समाज सेवा करनी शुरू कर दी। जब इस्तीफे के बाद सियासत की शुरुआत की बारी आई इन्होने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी से मुलाकात कर बागपत सीट से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश ज़ाहिर की यह नाम सुनकर इंदिरा गाँधी चौंक गयी। क्योकि यह सीट उस समय के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की सीट थी जो एक जाट बहुल्य इलाका माना जाता था।

तब इंदिरा गाँधी ने पायलट से पूछा के वो जाटो का इलाका है और तुम गुर्जर ‘डर नहीं लगता वहां हिंसा हो सकती है, लाठीया भी चल सकती है। तब राजेश पायलट ने जवाब दिया – ‘मैडम, जब पाकिस्तान के बम और मिसाइल भी नहीं डरा पाए, तो अब क्या डरूंगा। इंद्रा गाँधी पायलट से प्रभावित होकर मुस्कुरा कर उन्हें विदा कर दिया। इसके बाद जब यूपी से चुनाव लड़ने वालो की अंतिम सूचि में अपना नाम न पाकर निराश हो गए और अपने गांव लौटकर खेती करने लगे।

फिर एक दिन किसी से सुचना मिली के इंद्रा गाँधी को सभी की बात सुन्नी पड़ती है इसलिए वो चाहकर भी उन्हे टिकिट नहीं दे पायी। जब इंद्रा गाँधी वहा से हैदराबाद के लिये निकल रही थी तो पायलट अपनी पत्नी दया के संग उनसे मिलने एयरपोट पहुंच गए इंद्रा गाँधी सबसे मिलती हुई आखिर में उन तक पहुंचीं और नमस्कार करके उनकी तरफ मुस्कुरा दिया फिर ‘हूं’ कह कर अपने प्लेन की तरफ बढ़ चलीं अगली ही सुबह उन्हें संजय गाँधी के दफ्तर से फ़ोन आया और राजेश पायलट को मिलने बुलाया और राजस्थान के भरतपुर जिले से चुनाव लड़ने के लिये बोला। वही से राजेश पायलट का राजनीति में सफर की शुरुआत हो चुकी थी।

उसके बाद राजेश पायलट ने 1984 में राजस्थान के दौसा जिले से सांसद का चुनाव जीता। राजीव गाँधी देश के प्रधानमंत्री बने। राजीव ने राजेश पायलट को भूतल राज्यमंत्री बनाया। इसके बाद राजेश पायलट साल 1991,1996,1998 एवं 1999 दौसा से सांसद चुने गये। सिर्फ 1989 में हारे और एक बड़े किसान नेता के रूप में उभरे और राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री रहे।

राजेश पायलेट नाम की कहानी

चुनाव में नामांकन दाखिल करने से पहले ही संजय गाँधी ने राजेश्वर प्रसाद बिधूरी को राजेश पायलट का नाम दिया और पायलट ने अपना नाम नोटेरी में जाकर राजेश्वर प्रसाद बिधूरी से बदलकर राजेश पायलट कर लिया। यही से पायलट नाम उनकी और उनके परिवार की पहचान पुरे देश में बन गयी और ये अभी भी है।

राजेश पायलट-दुर्घटना निधन

एक दिन संजय गाँधी ने राजेश पायलट को फ़ोन किया और बताया के सुबह हमें पिट्स एस2 ए नामक विमान में उड़ान भरनी है जोकि उस समय भारत में नया आया ही था। संजय गाँधी को विमान उड़ाना राजेश पायलट ने ही सिखाया था और संजय काफी शौकीन भी थे। अगले दिन राजेश पायलट भरतपुर से मिलने आये किसानो के सात बातचीत में थोड़ा लेट हो गए और एयरपोट पहुंचने की निकलने लगे तभी उनके पास कॉल आया के संजय गाँधी प्लेन क्रैश हो चूका है इसमें उनके सात दिल्ली फ्लाइंग क्लब के चीफ इंस्ट्रक्टर सुभाष सक्सेना भी इस हादसे में मारे गए। अगर राजेश पायलट उस दिन समय से निकलते तो सुभाष सक्सेना की जगह संजय गाँधी के साथ सवार होते,नियति ने उन्हें एक बार बचा लिया।

दौसा के लोग उनके दिल में रहते थे वो हमेशा दौसा जाया करते और वहा के लोगो की परेशानियों का हल निकाला करते थे। इसी वजह से दौसा के लोग उन्हें हमेशा वहा से जीता कर दिल्ली भेजा करते। एक दिन यहाँ ले लोगो ने पायलट को एक बड़े हवन में शामिल होने का न्योता भेजा था। पायलट की तबीयत ख़राब होने के बावजूद भी वो मना नहीं कर पाए।

11 जून 2000 की जल्दी सुबह राजेश पायलट कार से दौसा के लिए निकाल गए और मात्र 55 वर्ष की आयु में सड़क दुर्घटना में उनका असामयिक निधन हो गया उस समय गाड़ी भी वे खुद चला रहे थे। जिस नियति से 20 साल पहले हादसे से बचे थे फिर नियति वह एक हादसे में ही मरे। ठीक 20 साल बाद

राजेश पायलट का परिवार

राजेश पायलट के परिवार में उनकी पत्नी दया पाइलट और उनके दो बच्चे है एक लड़का जिसका नाम सचिन पायलट जो वर्तमान में कांग्रेस पार्टी से जुड़े है,उनकी एक बेटी भी है उसका नाम सारिका पायलट है।

राजेश पायलेट का संक्षिप्त परिचय

नामराजेश्वर प्रसाद बिधूरी उर्फ़ राजेश पायलट
जन्म दिनांक10 फरवरी 1945
जन्म स्थानबरमंडपुर नियर चपराणा की मंदिया गुलाओथी वैदपुर (उत्तरप्रदेश)
जातिगुर्जर
पत्नीदया पायलट
बच्चेसचिन पायलट, सारिका पायलट
सेवा / शाखाभारतीय वायु सेना
सेवा के वर्ष1966–1979
पदSquadron Leader
लड़ाई / युद्ध1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध

राजेश पायलेट की राजनैतिक उपलब्धियां

वर्षउपलब्धियां
1980भरतपुर, राजस्थान से लोकसभा चुनाव जीते
1984दौसा, राजस्थान से लोकसभा चुनाव जीते
1985-89भूतल परिवहन मंत्री
1987जय जवान जय किसान ट्रस्ट की स्थापना
1991-93दूरसंचार मंत्री, भारत सरकार
1993-95आंतरिक सुरक्षा मंत्री, भारत सरकार
1995-96भूतल परिवहन मंत्री
1996दौसा, राजस्थान से लोकसभा चुनाव जीते
1999दौसा, राजस्थान से लोकसभा चुनाव जीते

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