सचिन वाजे मामला और परिचय|Sachin Vaze Matter And Biography

सचिन वाजे का जन्म 22 फरवरी 1972 को कोल्हापुर महाराष्ट्र में हुआ। महान देश भारत में सपनो की नगरी कहे जाने वाले शहर मुम्बई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के मुखिया रह चुके सचिन वाजे की कहानी बड़ी रोचक व किसी फिल्म कहानी से कम नहीं है।

  • जिन्हे हाल में निलबिंत कर पुलिस हिरासत में ले लिया गया मुंबई में बढ़ते हत्या लूटपाट व वसूली जैसे अपराधों और गैंगस्टरों का ख़ात्मा करने के लिए साल 1999 में मुंबई पुलिस ने एक स्पेशल यूनिट का गठन किया। जिसको नाम दिया गया क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट यानि (CIU) जिसका मुख्य उद्देश्य मुंबई में बढ़ते अंडरवर्ल्ड व गैंगस्टर राज का सफाया करना था। जिसकी कमान सोपी गयी उस समय के प्रसिद्ध व काबिल सहायक निरीक्षक प्रदीप शर्मा को जिन्होंने अपने पुरे करियर में 113 एनकाउंटर किये व मुंबई शहर मे शांति कायम करने में मुख्य भूमिका निभाई।
  • क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में प्रदीप शर्मा के नीचे सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वांझे भी काम किया करते थे। जो इस वक्त अब मुंबई के पैडर रोड स्थित मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर तारीख 25 फरवरी 2021 को विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी करने व मनसुख हिरेन की हत्या जुर्म में उसकी कथित संलिप्तता के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत की वजह से सुर्खियों में हैं।
  • अपने पुरे करियर मे हमेशा विवादों में रहने वाले सचिन वाजे पहले भी अपने पद से निलबित किये जा चुके हैं
  • सचिन वाजे अपने 30 सालो के करियर में लगभग 16 साल तक अपने पद से निलबित रहे जिसमे से 12 साल तो पुलिस विभाग से बाहर का रास्ता भी देखना पड़ा।
  • एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर सचिन वांझे ने काम तो हमेशा बड़े-बड़े किए हैं। बड़े काम करने से हमेशा विवाद तो रहे लेकिन उन बड़े कामो की वज़ह से बड़े बड़े लोगो से भी साठगांठ होने लगी।

जानिए क्या है मुकेश अंबानी  के घर एंटीलिया के बाहर मिले बम का पूरा मामला

  • मुंबई के पैडर रोड स्थित मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर तारीख 25 फरवरी 2021 को विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी पायी गयी,जोकि फ़रवरी 24 को लगभग मध्यरात्रि को वहा खड़ी की गयी थी।
  • अगले दिन यानि 25 फ़रवरी गुरुवार को उस गाड़ी को लावारिश मान कर पुलिस को सुचना दी गयी और पुलिस ने जब पड़ताल की तो उक्त गाड़ी से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गईं जिनके विस्फोटक नहीं जुड़े थे और कोई डेटोनेटर भी नहीं मिला था। बस डराने के लिए उसमे मिला धमकी भरा पत्र जिसमे लिखा था कि यह सिर्फ एक ट्रेलर था पिक्चर अभी बाकि है।
  • इस मामले की जाँच के आदेश आपराधिक अंतर्विरोध इकाई के मुखिया सचिन वाजे के नेतृत्व में एक पुलिस टीम को सौपा गया। स्कॉर्पियो गाड़ी की पड़ताल की गयी तो वह मनसुख हिरेन नामक व्यक्ति की निकली जिसकी पहले से ही चोरी होने की रपट थाने में लिखवा दी गयी थी जाँच चल ही रही थी के इसी बीच स्कॉर्पियो गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन का शव दिनांक 5 मार्च को समुंद्र किनारे पाया गया।
  • इस पुरे मामले का आरोप मनसुख हिरेन की पत्नी और घर वालो ने सचिन वाजे पर लगाया साथ ही कहा की हिरेन की गाड़ी का इस्तेमाल काफी दिनों से वाजे अपने व्यक्तिगत कार्य हेतु किया करता था। हिरेन की मौत वाली रात को सचिन वाजे ही मनसुख हिरेन को पूछताज के लिए थाने लेकर गया था। इन सब में वाजे का नाम सामने आने के कारण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व् विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मनसुख हिरेन की कथित हत्या के लिए वाजे की गिरफ्तारी की मांग की।
  • इसके बाद सचिन वाजे का ट्रांसफर करके महाराष्ट्र सरकार ने ये केस ATS के हवाले कर दिया 21 मार्च के एक बयान में, महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने मनसुख हिरन की हत्या के मामले में वाजे को मुख्य संदिग्ध बताया। एटीएस ने क्रिकेट सट्टेबाज नरेश रमणिकलाल घोर और पुलिस अधिकारी विनायक बालासाहेब शिंदे को गिरफ्तार कर लिया,जिन्होंने वाजे के साथ काम किया था। अधिकारी शिंदे ने कथित तौर पर हिरेन से घोड़बंदर रोड पर मिलने के लिए कहा था। शिंदे उसी क्राइम ब्रांच यूनिट में कांस्टेबल था, जहां वाजे तैनात था, और लखन भैय्या के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
  • मामला हाईप्रोफाइल होने और केस की जटिलता को देखते हुए इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई। अपनी जांच में मिले सबूत के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने वाजे को थाने ले जाकर कई कई सवालो को लेकर पुछताछ की व कई जगहों पर सीन रिक्रिएशन करवाये गये। उनके घर की भी तलाशी ली गयी जिसमे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये गए। जाँच चल ही रही थी के NIA के द्वारा एक सरकारी उपयोग हेतु वाजे को दी गयी इनोवा कार जप्त की गई। जिसका दावा किया गया के इसी कार की मदत से विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी की गयी थी साथ ही एक मर्सिडीज कार जब्त की गई जिसमे एक चेक वाली शर्ट, पांच लाख रुपये नगद और नोट गिनने वाली मशीन और एक कार की नम्बर प्लेट भी बरामद हुई। जोकि उस स्कोर्पियो की थी जो एंटिलिया के बाहर खड़ी पायी गयी थी इस मर्सिडीज कार उपयोग भी सचिन वांझे ही किया करते थे जो मुंबई पुलिस मुख्यालय जाती आती रहती थी। साथ ही कार में एक बोतल मिट्टी का तेल भी भरा हुवा मिला जिसको लेकर NIA को शक हे की इसका उपयोग पीपीई किट जलाने के लिए किया गया हो।

शिवसेना और सचिन वाजे के बीच संबंध

  • सन 1990 में महाराष्ट्र की पुलिस में शामिल होने वाले सचिन वाजे के काम की तारीफ मुम्बई की जानी मानी विख्यात हस्ती खुद बाबा साहेब ठाकरे ने की थी,जिन्होंने खुद शिवसेना का गठन किया था। उनके बाद शिवसेना की बागडोर उद्धव ठाकरे ने सम्भाली जोकि हाल महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री है।
  • 3 मार्च 2004 को ख्वाजा यूनुस जोकि 2002 के घाटकोपर बम विस्फोट मामले में एक संदिग्ध पाया गया था। उसकी पुलिस हिरासत में हत्या के आरोप में वाजे सहित चौदह अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। तमाम कोशिसो के बावज़ूद भी जब वाजे का निलंबन रद्द नहीं किया गया,तो मजबूरन उन्होंने 30 नवंबर 2007 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
  • इसके बाद साल 2008 में शिवसेना के साथ राजनितिक संबंद में आये ऐसा सुना जाता है के उन्होंने पार्टी के साथ काम करते हुए कई बड़े नेताओ के विश्वास और दिल में जगह कायम कर ली. तारीख 6 जून, 2020 को, सचिन वाजे के निलंबन को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के महा प्रलय के चलते पुलिस कर्मचारियों की कमी के कारण सचिन वाजे का निलंबन रद्द कर उन्हें फिर से बहाल कर दिया।
  • इसी मामले के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बयान दिया था की न तो ठाकरे और न ही राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख बहाली के लिए जिम्मेदार थे। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तब शिवसेना ने सचिन वाजे को फिर से बहाल करने के लिए अनुरोध किया था हालांकि ऐसा संभव नहीं हो पाया था।

सचिन वाजे और पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह की सांठगांठ

  • माना जा रहा है कि मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के बीच बहुत प्रेम हैं। मुंबई पुलिस के पास जब भी कोई बड़ा और हाईप्रोफाइल केस आता तो वो केस पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह बदौलत सचिन वाजे को ही दिया जाता यहाँ तक कि जब एंटीलिया के पास जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो बरामद की गयी तो इस केस को भी पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह के दवरा सचिन वाजे के हाथो में इसकी जांच सोपी गयी।
  • पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह के आदेश पर ही पिछले सोलह साल तक सस्पेंड रहने वाले सचिन वाजे को 6 जून 2020 को बहाल किया गया था। साथ ही क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट हेड के पद योग्य भी न होते हुए सचिन वाजे को हेड बना दिया गया।
  • नियम के अनुसार CIU प्रमुख की रिपोर्टिंग अपने से सीनियर इंस्पेक्टर या DCP को होनी चाहिए थी,लेकिन सचिन वाजे हर मामले में सीधे पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को रिपोर्ट किया करते थे। इन्हीं आरोपों को आधार मानकर महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को पुलिस कमीश्नर पद से हटाकर होमगार्ड विभाग में तैनात कर दिया है।

सचिन वाजे एक टैलेंटेड पुलिस अफसर और लेखक

  • साल 1997 में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के मामले में जब एशिया में ऐसे ठगों के एक गिरोह को पहली बार गिरफ्तार किया गया तब सचिन वाजे सुर्खियों में आया था।
  • सचिन वांझे को साइबर कौशल और तकनीक की अच्छी जानकारी के लिए भी जाना जाता है उन्हें अधिकांश अपने हाथों और जेब में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ देखा जाता है। वाजे को कई गंभीर साइबर अपराधों को हल करने के लिए जाना जाता है।
  • बताया जाता है के सचिन वाजे ने ही मुंबई पुलिस की सेलफोन इंटरसेप्शन इकाइयों और ईमेल ट्रैकिंग इकाइयों की स्थापना की थी सचिन वाजे एक पुलिस अफसर होने के साथ साथ एक लेखक भी हैं।
  • बेस्टसेलर रही ‘जिंकुन हरलेली लढाई’ जोकि मुंबई हमलों पर आधारित मराठी किताब के लेखक भी सचिन वाजे थे। इसके साथ ही सचिन वाजे हुसैन जैदी की किताब हेडली एंड आई, माई नेम इज अबू सलेम, बायकुला से बैंकॉक, एड्रियन जैसी कई प्रसिद्ध किताबों के सलाहकार और स्रोत भी रह चुके हैं।
  • यह तक की वाजे के जीवन पर आधारित एक मराठी फिल्म ‘रेगे’ भी बन चुकी है एक सुपर टैलेंटेड पुलिस अफसर,लेखक और साइबर एक्सपर्ट कैसे अपने काम के जरिए नाम कमाता है, लेकिन खुद की बनाई दलदल में खुद ही फंसकर विवादों की भेंट चढ़ जाता है।

सचिन वजे का संक्षिप्त परिचय

असली नामसचिन हिंदुराव वाजे
जन्म22 फरवरी 1972
निवासकोल्हापुर महाराष्ट्र
पदअसिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर
विभागमहाराष्ट्र पुलिस
सेवा वर्ष1990 – 2021

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